what is wifi in hindi | वाई फाई क्या है?

आज के दिन internet का communication में महत्वपूर्ण रोल है टेक्नोलॉजी से भरी इस दुनिया में चाहे हम घर में हो ऑफिस में हो वाई-फाई हमारी जिंदगी का है अहम हिस्सा है तो आज हम इस blog  wifi in hindi में समझेंगे कि what is wifi in hindi, wifi को किसने इन्वेंट किया और कैसे बनाया इसके साथ ही साथ security of wifi in hindi,  व standard of wifi in hindi, advantage of wifi in hindi होते हैं इन सब की जानकारी प्राप्त करेंगे और वाई-फाई लगाने से क्या-क्या advantage होता है इन सभी का विस्तार से समझेंगे तो लिए शुरू करते हैं

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What is WiFi in Hindi:

वाई-फाई का पूरा नाम वॉयरलैस फिडेलिटी है जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस टेक्नोलॉजी में वायर का उपयोग नहीं होता है यह टेक्नोलॉजी एक डिवाइस जिसे wifi router कहते हैं का उपयोग करके रेडियो डाटा को रेडियो सिग्नल के रूप में भेजता है और वाई-फाई पैकेट को उसकी एक निश्चित लिमिट तक की भेज सकता है जिससे उसे वाई-फाई की रेंज में आने वाले डिवाइस वाई-फाई से कनेक्ट हो सकते हैं वह इंटरनेट को एक्सेस कर सकते हैं

वाई-फाई एक आमतौर पर इंटरनेट कनेक्शन को शेयर करता है जिससे मल्टीप्ल डिवाइस को वायरलेस रूप से कनेक्ट किया जा सकता है और यह राउटर डायरेक्टली इंटरनेट मॉडेम से कनेक्ट रहता है जिससे यूजर को यह फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है कि वह एक निश्चित रेंज में मूव करते हुए भी इंटरनेट से कनेक्ट रह सकते हैं

Standard of WiFi in Hindi

802.11: 1999 में IEEE (institute of electrical and electronics engineers) ने सबसे पहले 802.11 नामक standard को रिलीज किया जो डाटा की स्पीड 2 mbps तक allow करता था तथा इस वर्जन में wifi लिमिटेड स्पेस स्पीड एवं रेंज उपलब्ध थी

802.11b: 1994 मैं वाई-फाई 2.4 GHz फ्रीक्वेंसी पर 11 mbps तक की डाटा रेट allow करता था जिससे इसका प्रसार तेजी से हुआ और इसकी वजह थी स्पीड का बैलेंस होना वह रेंज का बेहतर होना जो पिछले स्टैंडर्ड से अच्छी रेंज प्रोवाइड करता है

802.11a:  यह 5 GHz फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है और इसकी डाटा रेट 54 एमबीपीएस तक थी यह हाई स्पीड देता था परंतु इसकी रेंज कम थी वह 802.11b के comparison में cost ज्यादा थी

802.11g:  802.11g standard 2003 में introduced किया गया और यह 54 एमबीपीएस तक की स्पीड देता था वह 2.4 GHz band पर काम करता था यह 802.11b भी वह 802.11a को मिलाकर बनाया गया था

802.11n:  2009 में 802.11n मानक को introduced किया गया था यह 2.4 GHz वह 5 गीगाहर्टज की फ्रीक्वेंसी के साथ काम करता था तथा इसकी रेट 600 एमबीपीएस तक थी यह MIMO (multiple input multiple output) टेक्नोलॉजी पर काम करता था इस स्टैंडर्ड में स्पीड व Wi-Fi की रेंज में अच्छा सुधार किया गया वह इसकी indoor range भी 600 फीट तक थी

802.11ac:  2013 मे 802.11ac स्टैंडर्ड को रिलीज किया गया यह 5 गीगाहर्टज फ्रीक्वेंसी पर काम करता था इसमें वाई-फाई की स्पीड 3.46 gbps तक थी यह water and high band with (80/160MHz) की पर कार्य करता था और इसमें एडवांस्ड MIMO(multiple input multiple output) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया

Pros: high speed and support wider channels

Cons: limited range on high speed and need support 5 MHz band

802.11ax:  इस वर्ष 2019 में introduce किया गया था और इसे वाईफाई 6 भी कहा जाता है क्योंकि यह 6 मेगाहर्ट्ज band को सपोर्ट करता है यह 2.4 GHz 5 GHz band दोनों पर ऑपरेट होता है यह therotically data rate 9.6 Gbps तक प्रोवाइड करवाता है इसमें वह OFDMA (arthogonal frequency division multiple access) टेक्नोलॉजी को उपयोग में लिया गया जो efficiency और लंबी बैटरी के लिए उपयोगी था।
Pros: higher data rate, battery performance in dance environment, improve battery life, OFDMA technology
Cons: नई-नई टेक्नोलॉजी थी जिसे सभी डिवाइस में compatible नहीं थी

802.11be:  802.11be स्टैंडर्ड पर अभी काम चल रहा है यह बाजार में नहीं आया है इसे वाई-फाई 7 भी कहा जा सकता है यह अनुमान है कि यह 46 जीबीएस तक की स्पीड प्रदान कर सकता है यह तीनों band 2.4 GHz 5 GHz और 6 GHz फ्रीक्वेंसी पर काम करता है इस स्टैंडर्ड का मुख्य उद्देश्य परफॉर्मेंस को बढ़ाना है व efficiency में वृद्धि करना है

Technology used in WiFi protection in Hindi

wifi protection
protection of wifi in hindi


वाई-फाई protection टेक्नोलॉजी का उपयोग वाई-फाई नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है अनेक protection का उपयोग करके unauthorized access को रोक सकते हैं और इसके साथ-साथ डाटा की प्राइवेसी और इंटीग्रिटी को भी सुरक्षित रख सकते हैं ऐसी अनेक प्रकार के टेक्नोलॉजी है जो वाई-फाई की प्रोटेक्शन देती है यहां हम कुछ मुख्य टेक्नोलॉजी के बारे में बात करेंगे

WEP:  इसका पूरा नाम wired equivalent privacyहै इसका डेवलपमेंट 1997 में हुआ था यह RC-4 एंक्रिप्शन का उपयोग करता है वह इसके साथ-साथ ही 64 bit और 128 bit key का उपयोग करता है

Weakness:
आजकल WEP बहुत weak encryption एल्गोरिथम है क्योंकि इसको आसानी से decrypt किया जा सकता है वह WEP
encryption को मॉडर्न टूल से आसानी से क्रैक भी किया जा सकता है

Current status: इसका उपयोग secure नहीं होने के कारण अब ज्यादा नहीं होता है

WPA:  इसका पूरा नाम Wi-Fi protected access है और इसको 2003 में विकसित किया गया यह WEP( wired equivalent privacy) का temporary replace solution था और WPA TKIP का उपयोग इंक्रिप्शन के लिए करती थी यह pre packet ki mixing पर काम करता था और मैसेज की इंटीग्रिटी को चेक करता था

Weakness:  यह WEP (wired equivalent privacy,) से तो ज्यादा सिक्योरिटी परंतु WPA अभी भी पूरी तरह से secure नहीं था अगर weak पासवर्ड का उपयोग किया जाए तो यह ज्यादा सुरक्षित नहीं था

Current status:  यह WEP से ज्यादा Secure था लेकिन WPA 2 ने WPA को रिप्लेस कर दिया था

WPA2:  इसका पूरा नाम Wi-Fi protected access 2 है यह AES( advanced encryption standard) के साथ-साथ CCMP (counts mode with cipher block chaining messaging authentication code protocol ) का उपयोग encryption के लिए करता है जिससे वाई-फाई WPA 2 बेहतरीन सिक्योरिटी प्रदान करता है

WPA2 support two modes:

1. personal (WPA-PSK ):  यह mode घर के नेटवर्क के लिए ठीक है इसमें ऑथेंटिकेशन के लिए pre shared key का उपयोग किया जाता है

2. Enterprise (WPA2-enterprise) :  यह मोड बड़े cooperative environment के लिए उपयोगी है और ज्यादातर कंपनियों में इसी मोड़ का उपयोग किया जाता है यह 802.01x का उपयोग ऑथेंटिकेशन के लिए RADIUS serverके साथ मिलकर करता है

Strength:  यह सिक्योरिटी को strong encryption के साथ robust करता है वह इसके साथ-साथ डाटा की इंटीग्रिटी को भी प्रोटेक्शन देता है
Weakness:  यह भी अगर बहुत कमजोर पासवर्ड लगाया जाए तो ज्यादा सुरक्षित नहीं है और इसको अलग-अलग टूल्स के माध्यम से सिक्योरिटी फीचर के साथ एक्सपोज किया जा सकता है
Current status:  आज यह वाइडऐली उसे हो रहा है और अगर इसे अच्छे से इंप्लीमेंट किया जाए तो यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है

WPA3:
इसका पूरा नाम Wi-Fi protected access 3 है और यह SAE ( simultaneous authentication of equals ) का उपयोग handshake प्रक्रिया में करता है जो की PSK को रिप्लेस करता है और इसके साथ-साथ यह है ओपन नेटवर्क में प्रत्येक यूजर के लिए individualized data encryption का उपयोग करता है और इसके साथ-साथ पिछले रिकार्ड को भी देखता है कि communication secure है या नहीं और इसमें पासवर्ड भी बार-बार नहीं ट्राई किया जा सकते क्योंकि एक लिमिट के बाद यह ब्लॉक कर देता है जिससे इसकी सिक्योरिटी बहुत अधिक हो जाती है

यह भी दो मोड में काम करता है

Personal ( WPA 3 – personal):  यह home यूजर की सिक्योरिटी के लिए अच्छा है

Enterprise ( WPA 3 Enterprise):  यह बड़ी कंपनी या बड़े आर्गेनाइजेशन के लिए काम आता है क्योंकि यह 192 bit encryption की को सपोर्ट करता है जो सिक्योरिटी के purpose से अच्छा है

Current status:  यह लेटेस्ट में अधिक सुरक्षित वाई-फाई प्रोटेक्शन है और न्यू इंस्टॉलेशन के लिए recommended भी है

 

 

 

 

 

802.1x:  इसका introduction 2001 में हुआ था यह WPA, WPA2, WPA3 का पार्ट है हिस्सा है यह नेटवर्क एक्सेस कंट्रोल का उपयोग EPA (extensible authentication protocol)के द्वारा करता है और यह centralised authentication के लिए RADIUS(remote authentication dial in user service) सर्वर का उपयोग करता है

Strength:  यह strong mutual ऑथेंटिकेशन का उपयोग क्लाइंट और नेटवर्क के बीच करता है जो कि इसे बहुत अधिक सुरक्षित बनाता है

Current status:
  यह बड़ी कंपनियां वह कॉर्पोरेट में बड़े पैमाने पर उपयोग में लिया जाता है

Technical foundations of WiFi in Hindi

Radio frequency:  वाई-फाई रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम पर काम करता है यह मुख्य रूप से 2.4 GHz व 5 GHz की फ्रीक्वेंसी पर काम करता है यह फ्रीक्वेंसी परफॉर्मेंस को optimize करने के लिए channels में बटी होती है

Modulation techniques:  modulation technology OFDMA (orthogonal frequency division multiplexing ) की तरह है और इसमें DSSS (direct sequences spread spectrum) का उपयोग carrier सिग्नल के डाटा को encode करने के लिए करते हैं वह OFDM डीएम का उपयोग मुख्यतः हाई स्पीड डाटा के ट्रांसमिशन के लिए भी किया जाता है

Access point and routers:  Wi-Fi network access पर निर्भर करता है राउटर वॉयरलैस कम्युनिकेशन का उपयोग सेंट्रल हब के रूप में कार्य करता है और यह डिवाइस वायर नेटवर्क से कनेक्ट रहता है और वाई-फाई सिग्नल को broadcast करता रहता है जिससे अन्य डिवाइस कनेक्ट रहते हैं

Network architecture:  Wi-Fi network को अनेक आर्किटेक्चर पर सेटअप किया जा सकता है वह निम्नलिखित है
Infrastructure mode: इसमें डिवाइस को एक्सेस प्वाइंट के द्वारा कनेक्ट किया जाता है

Ad hoc mode:  इसमें डिवाइस बिना एक्सेस प्वाइंट के एक दूसरे से डायरेक्ट कनेक्ट होते हैं

Mash network multiple:  access point seamless coverage देने के लिए मिलकर काम करते हैं

Technology in WiFi in Hindi

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TKIP:  इसका पूरा नाम ( temporal ki integrity protocol ) हैं यह WPA की सिक्योरिटी बढ़ाने का काम करता है

AES:  इसका पूरा नाम advanced encryption standardहै यह WPA 2 ओर WPA 3 में स्ट्रांग encryption करने का काम करता है

CCMP:  इसका पूरा नाम counts mod with siphes block chaining message authentication code protocol है इसका उपयोग wpa2 में मैसेज की इंटीग्रिटी और confidentiality को बढ़ाने के काम आता है

SAE:  इसका पूरा नाम simulations authentication of equals है वह इसका प्रयोग wpa3 में handshake सिक्योरिटी को इंप्रूव करने के लिए किया जाता है

RADIUS:  इसका पूरा नाम remote authentication dial in user service है यह सेंट्रलाइज authentication server में use होता है

EAP:  इसका पूरा नाम authentication protocol है EAP फ्रेमवर्क का उपयोग 802.01X के अनेक authentication method में उपयोग आता है

Application of wifi in hindi:

Home networking:  घर में wifi लगाने से हम मल्टीपल डिवाइस जैसे स्मार्टफोन टैबलेट लैपटॉप स्मार्ट टीवी को कनेक्ट कर सकते हैं इसके साथ-साथ हम अपने घर में स्मार्ट डिवाइस जैसे लाइट, सिक्योरिटी, कैमरा इन सभी के साथ अच्छे से कम्युनिकेट कर सकते हैं और remotely इन्हें कंट्रोल भी कर सकते हैं इसके द्वारा हम अपने घर में फालतू की wiring  भी कम कर सकते हैं

business and enterprise:  वाई-फाई व्यापार में होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डाटा शेयरिंग में बहुत सहायक है इसके साथ-साथ ही इसमें guest एक्सेस का उपयोग करके कंपनी के अलावा कोई भी व्यक्ति wifi एक्सेस करना चाहे तो गेस्ट एक्सेस के माध्यम से कर सकता है जिससे कंपनी का वाई-फाई secure रहता है और इसके साथ-साथ वाईफाई की रेंज पूरे ऑफिस में होती है जिससे व्यक्ति एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में आसानी से work कर सकते हैं

education transportation:  इंटरनेट से जुड़ने के बाद विश्व के किसी भी कोचिंग या यूनिवर्सिटी के लेक्चर को ऑनलाइन पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं इसके साथ-साथ ही स्टूडेंट किसी भी रिसर्च पेपर और प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

hospitality:  इंटरनेट के द्वारा अस्पताल में  तापमान, व इसकी लाइटिंग को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है साथ ही साथ एंटरटेनमेंट के लिए भी अच्छा विकल्प है और स्टाफ के साथ efficecnt कम्युनिकेशन के लिए भी इंटरनेट अच्छा रोल निभाता है जो की वाई-फाई के द्वारा ही possible है

 

Advantage of wifi in hindi

Mobility:  वाई-फाई के द्वारा यूजर को यह सुविधा होती है कि वह वाई-फाई रेंज में घूमते हुए भी अपना इंटरनेट से संबंधित काम कर सकता है
convenience:  वाई-फाई में फिजिकल केबल से डिवाइस नहीं जुड़े रहते जिसके कारण यह नेटवर्क सेटअप को सिंपल बनता है और डिवाइस कनेक्टिविटी भी सुविधाजनक होती है

scalability:  वाई-फाई नेटवर्क में अधिक एक्सेस प्वाइंट जोड़कर आसानी से expanded किया जा सकता है

History of invention of WiFi in Hindi

वाई-फाई के आविष्कार की कहानी बड़ी रोचक है प्रारंभ में John Sullivan, Terry Percival and Deane नाम मिलकर wifi को CISIRO(commonwealth scientific and industrial research organisation) मैं काम करते हुए बनाया थापरंतु शुरू में यह टीम एक्सप्लोरिंग मिनी ब्लैक होल के बारे में एक्सपेरिमेंट कर रही थी जिसमें ब्लैक होल से निकलने वाली अलग-अलग गति की तरंगों को एक समान गति पर लाने वाले प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही थी

और उसमें मैथ की एक इक्वेशन Fouries transform को उसे किया गया लेकिन एक्सप्लोरिंग मिनी ब्लैक होल प्रोजेक्ट सफल नहीं हो सकापरंतु यह इक्वेशन वाईफाई के आविष्कार में मददगार रहा 1990 में CISIRO की टीम ने सोचा इंटरनेट का एक्सेस क्यों ना वायरलेस होना चाहिए क्योंकि हमेशा वायर से जुड़ा रहना थोड़ा diffcult था इस आईडिया के साथ ही वाईफाई के आविष्कार की दिशा में कम बढ़े

प्रारंभ में जब एक डिवाइस दूसरे डिवाइस से डाटा सेंड किया जाता था तो बहुत सारा डाटा बीच में ही miss हो जाता था या यूं कहीं अपनी डेस्टिनेशन कंप्यूटर तक नहीं पहुंच पाता था क्योंकि वाई-फाई रेडियो सिग्नल के आधार पर चलता है और जब में यह waves के बीच में कोई दीवार या बड़ा ऑब्जेक्ट आता है तो वह ठीक से इनफॉरमेशन को नहीं पहुंच पाती हैं

अब CISIRO टीम ने उसे तरीके पर कार्य करना शुरू किया जिसमें डाटा लॉस भी ना हो और डाटा सेंड भी हो जाए इसके लिए उन्होंने सिग्नल को बहुत छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया और हर इससे की कई कॉपी बनाकर उसे सेंड करते और रिसीवर की तरफ Fourier transform equation का इस्तेमाल करके डाटा को कलेक्ट करते इससे काफी हद तक डाटा लॉस खत्म हो गया

वह डाटा दूसरे डिवाइस तक पहुंच जाता लेकिन अभी भी कुछ एरर्स बाकी थे और इन errors को दूर करने के लिए error correction तकनीक का इस्तेमाल किया गया 1993 में पहली बार जीरो error के साथ एक ऐसा आविष्कार तैयार था

जो आने वाले समय में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला था लेकिन उसे समय उसे इस्तेमाल करने के लिए बहुत कठिनाई थी क्योंकि उसे समय इतनी हाई स्पीड चिप उपलब्ध नहीं थी 1996 में इसका कॉपीराइट करवा लिया वह लाइसेंस भी मिल गया 1999 में सर्वप्रथम IEEE(institute of electrical and electronics engineer) में इस invention के बारे में लिखा हुआ इस टेक्नोलॉजी की बहुत सराहना हुई और इसको एक बेस्ट टेक्नोलॉजी माना गया

पहले इसको radio फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता था लेकिन सितारों ने सोचा कि इसका नाम थोड़ा सरल कर दिया जाए जो बोलते वह सुनने में अच्छा लगे और फाइनली इस अविष्कार का नाम wifi रखा गया और फिर उसका logo भी बना दिया गया

आशा है आपको what is wifi in hindi ब्लॉक से अच्छी जानकारी प्राप्त हुई (standard of wif in hindi, security of wifi in hindi, advantage of wifi in hindi and application of wifi in hindi ) होगी अगर आपको अन्य किसी टॉपिक पर जानकारी चाहिए तो कमेंट जरुर करें और जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें

 

 

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