What is ROM in hindi

हेलो फ्रेंड्स आज इस ब्लॉग में ROM in hindi टॉपिक के बारे में बात करेंगे । क्या आप को पता है जितने भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है उन सब में ROM का उपयोग किया जाता है। जैसे की वाशिंग मशीने , टेलीविज़न रिमोट आदि। ROMकी फुल फॉर्म क्या है, ROM क्या है, कंप्यूटर में रोम का क्या रोल है , कितने टाइप की होती है, ROM का विकास कैसे हुआ कैसे काम करती है, क्या इसके उपयोग है कम्प्यूटर में जितनी भी जगह पर इसका उपयोग किया जाता है वह क्यों किया जाता है?  इन सभी पॉइंट का जवाब इस आर्टिकल में देखेंगे।

ROM in hindi
Rom in hindi

ROM का पूर्ण नाम:-

ROM का पूर्ण नाम रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory) होता है। रीड  से आशय है की इसको सिर्फ और सिर्फ रीड किया जा सकता है इसको write नहीं किया जा सकता। लेकिन सबसे पहिले इक बार तो रोम को भी write किया जाता है।

तो फिर सवाल ये है की फिर इसको write मेमोरी क्यों नहीं बोला जाता ? क्युकी इसमें इक बार प्रोग्राम write हो जाने के बाद उसको दुबारा बदल नहीं सकते या कह सकते है की reprogram नहीं किया जा सकता है। लेकिन टाइम के साथ साथ technology  विकसित होती गयी चीज़े बदलती गयी इसी के साथ ROM में बदलाव आते गए तो नई प्रकार की ROM आती गयी।

और आज वर्तमान में ऐसी ROM भी उपलब्ध है जिनको दुबारा से प्रोग्राम भी किया जा सकता है। तो इसको हम बोल सकते है की अपग्रेड होने के बाद अब ROM read और write दोनों पर काम करने लगी है।

ROM मदरबोर्ड पर उपस्थित सिलिकॉन चिप है जिसमें निर्माण के समय ही निर्देश एवं डाटा को स्टोर किया जाता है। ROM का उपयोग केलकुलेटर, वीडियो गेम, एवं डिजीटल कैमरा आदि में किया जाता है। ROM को स्थाई मेमोरी कहा जाता है क्योंकि ROM में रखा डाटा तब भी स्टोर रहता है जब कम्प्यूटर की पॉवर सप्लाई ऑफ कर दी जाए

ROM को नॉन वॉलेटाइल Non-Volatile (अपरिवर्तित) मेमोरी कहा जाता है ROM में संग्रहित डाटा एवं सूचना को केवल पढ़ा जा सकता है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।ROM, PROM, EPROM में स्टोर सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम को फर्मवेयर कहा जाता है।

कम्प्यूटिंग (Computing) में फर्मवेयर कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का एक विशेष वर्ग है जो डिवाइस के विशिष्ट हार्डवेयर के लिए Low Level Control प्रदान करता है।  फर्मवेयर वाले उपकरणों में एम्बेडेड सिस्टम जैसे – TV Remote, एम्बेडेड सॉफ्टवेयर आदि उपकरण है।

कम्प्यूटर सिस्टम के ROM में बायोस (BIOS) नामक प्रोग्राम स्टोर रहता है जो फर्मवेयर के रूप में स्टोर होता है। फर्मवेयर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर का मेल है।कम्प्यूटर को Start (चालु) करने के निर्देश जिन्हें बूटिंग कहा जाता है, ROM में स्टोर रहते हैं।

कम्प्यूटर के अलावा वांशिग मशीन (Washing Machine), माइक्रोवेव (Microwave) एवं अन्य कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों में प्रोग्रामिंग ROM की सहायता से ही की जाती है। ROM (Read Only Memory) RAM की तुलना में सस्ती होती है।

Uses of ROM in hindi : ROM का उपयोग :-

रोम किसी भी सिस्टम का प्राइमरी operating software बोल सकते है। अगर कोई मशीन funcation कर रहे है तो वह अपने प्राइमरी सिस्टम पर चल रही होती है जैसे अगर कंप्यूटर की बात करे तो हमे इक operating system की जरूरत होती है जैसे विंडोज ,लिनक्स आदि। ये सभी operating system सेकेंडरी होते है जो यूजर को अच्छे से एक्सेस कर सके इसलिए बनाये जाते है उसी प्रकार मशीन को अच्छे से काम करने के लिए इक फार्मवारे अर्थात ROM बनाया जाता है। तो रोम के 2 पार्ट होते है रोम तो हार्डवेयर होता है जबकि इसके अंदर बायोस सिस्टम होता है वो सॉफ्टवेयर होता है।

 

ROM के प्रकार: Type of ROM in hindi

वर्तमान में प्रयुक्त ROM मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं
1. PROM
2. EPROM
3. EEPROM

PROM in hindi :-

PROM (Programmable Read Only Memory ) — इसमें रखा डाटा/प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर कभी हटाया नहीं जा सकता हैं। अर्थात्User द्वारा एक बार प्रोग्राम निर्देश को बर्न (Burn) करने के बादउसमें परिवर्तन नहीं हो सकता है। PROM में जो डाटा होता है, वो इस ROM का निर्माण करते समय निर्माण करने वाली कम्पनी या यूजर द्वारा स्टोर किया जाता है, इस प्रकार की रोम में डाटा स्टोर करने के बाद यूजर द्वारा डाटा में परिवर्तन भी नहीं किया जा सकता है तथा ना ही कोई नया डाटा स्टोर किया जा सकता है।

इस प्रकार की रोम WORM (Write Once Read Many) के सै रूप में कार्य करती हैं। वॉर्म का तात्पर्य किसी डिस्क में डाटा को एक बार लिखने एवं बार-बार पढ़ने से है।

Features of PROM in Hindi :-

  • programmability :-
    PROM manufacturing  बाद डाटा को प्रोग्रामिंग करने के लिए अलाव करती है जिससे कस्टमाइज्ड सेशन की फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है

  • one time programmable :-
    पैरों में एक बार प्रोग्राम्ड होने के बाद इसके उत्तर को राइट में डिलीट अपडेट करना मुश्किल है
  • simple programming process :-
    पैरों में प्रोसेसिंग प्राइस स्पेसिफिक मेमोरी सेल में इलेक्ट्रिकल सिग्नल के द्वारा होती है जिससे यह आसान होता है
  • low cost :-
    अन्य रूम जैसे पी रोम और फ्लैश मेमोरी के तुलना में पैरों में वन टाइम प्रोग्रामिंग में बहुत कम कास्ट आती है
  • fixed structure :-
    पैरों का अपना फिक्स्ड स्ट्रक्चर होता है अर्थात मेमोरी सेल फ्री डिटरमाइंड के रूप में अरेंज होती है

EPROM in hindi :-

EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory) — इसमें रखे डाटा / प्रोग्राम / सॉफ्टवेयर को पराबैंगनी किरणों (Ultra Violet Rays) के माध्यम से हटाकर पुनः बर्न किया जा सकता है। EPROM को पराबैगनी ई-प्रॉम भी कहा जाता है।

EPROM में उपस्थित डाटा एवं सूचनाओं को मिटाकर (Erase) कर पुनः प्रोग्रामिंग की जा सकती है।लेकिन इसको एक निश्चित बार ही rewrite  किया जा सकता था। क्युकी बार बार करने से रोम ख़राब होने लग जाता था।

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EEPROM in hindi :-

EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)—इसमें रखे डाटा / प्रोग्राम / सॉफ्टवेयर को विद्युत पल्स (Electric Pulse) के माध्यम से हटाकर पूनः बर्न किया जा सकता है। आजकल के मदरबोर्ड में अधिकांश इसी रोमा प्रयोग किया जाता है।वर्तमान तकनीकी के अनुसार ROM में बार-बार Update व बदलाव किये जाते हैं जिससे लिए EEPROM की आवश्यकता होती है।

Advantage of rom in Hindi

  • Non volatile :-
    Rom non volatile रहती है अर्थात रोम में अगर पावर सप्लाई नहीं हो तो भी इसका उत्तर इसमें ही स्टोर होता है डिलीट नहीं होता।

  • Read only access :-
    Rom एक read only memory है अर्थात इसको सिर्फ पढ़ा जा सकता है इसमें मोडिफिकेशन नहीं किया जा सकता और इसमें मोडिफिकेशन नहीं कर पाने के करण सिस्टम की स्टेबिलिटी व सिक्योरिटी बढ़ती है।
  • Fast access :-
    Rom से तेजी से डाटा को एक्सेस कर सकते हैं जो की सिस्टम की कार्य क्षमता में सुधार करने में भी सहायक होती है।
  • Reliability :-
    रूम का नॉन वोलेटाइल nature होने के कारण रोम सिस्टम के महत्वपूर्ण फंक्शन को रिलायबिलिटी प्रदान करता है।
  • Embedded system :-
    रोम एक एंबेडेड प्रक्रिया है जो कंप्यूटर को बनाते समय ही फिक्स कर दिया जाता है।
  • Boot up functionality :-
    जब भी कोई सिस्टम ऑन होता है तो उसे Booting up करने के लिए एक फर्मवेयर की जरूरत पड़ती है और फर्मवेयर रोम में ही स्टोर होते हैं।

  • Security :-
    Rom सेंसेटिव डाटा और सिस्टम के महत्वपूर्ण इंस्ट्रक्शन को securely स्टोर करता है और किसी भी unauthorized यूजर के लिए वह एक्सटर्नल थ्रेड्स के लिए inaccessibility प्रदान करता है।
  • Customization :-
    कुछ विशेष प्रकार की रोम बनाते समय ही कस्टमर कस्टमाइजेशन allow करती हैं यह किसी विशेष प्रकार की डिवाइस की requirement के अनुसार बनाई जाती हैं
  • Cost effectiveness :-
    एक बार रोम को प्रोग्राम कर दिया तो उसके बाद इसमें कुछ अलग खर्च नहीं होते वह इस ओवर द टाइम मेंटेन रहती है
  • Longevity :-
    रोम का लाइफ़स्पन लंबा होता है यह एंबेडेड सॉफ्टवेयर के लिए ड्यूरेबल स्टोरेज सॉल्यूशन देता है

Disadvantage of Rom in Hindi

  • Non programmable :-
    रोम नॉन प्रोग्रामेबल होती है अगर एक बार रोम में डाटा राइट कर दिया तो इसे आसानी से डिलीट अपडेट चेंज नहीं किया जा सकता है जो की फ्लैक्सिबिलिटी को लिमिटेड करती है
  • Limited capacity :-
    रोम चिप मुख्य तौर पर फिक्स्ड स्टोरेज कैपेसिटी के लिए प्रयुक्त होती है इसलिए इन्हें लार्ज अमाउंट में डाटा स्टोर नहीं किया जा सकता 
  • Costly manufacturing :-
    रोम को बनाना अन्य प्रकार की मेमोरी टाइप्स की तुलना में थोड़ा महंगा पड़ता है
  • Complex development :-
    रूम को डिजाइन करना और प्रोग्रामिंग के लिए स्पेशलाइज्ड नॉलेज व टूल्स की आवश्यकता होती है जो की रोम के डेवलपमेंट कंपलेक्सिटी को बढ़ाती है
  • Wasteful for update :-
    रोम को अपडेट नहीं किया जा सकता इसलिए प्राय अपडेट करते समय पूरी चिप या मॉड्यूल को ही निकाल कर दूसरा लगाना पड़ता है
  • Not suitable for dynamic data :-
    रोम डायनेमिक डाटा स्टोरेज करने के लिए सूटेबल नहीं है जैसे की यूजर द्वारा बनाई गई फाइल वीडियो आदि
  • Initial setup challenge :-
    इनिशियल प्रोग्रामिंग में रम चिप को सटीक मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की जरूरत होती है जो की काफी मुश्किल या कहीं चैलेंजिंग होता है
  • Limited right cycle :-
    कुछ प्रकार की रोम जैसे पी रोम एप्रोम आदि में लिमिटेड राइट साइकिल्स होते हैं जिसके कारण एप्लीकेशन के अनुसार बार-बार अपडेट नहीं कर सकते

Reference: https://www.lenovo.com/in/en/glossary/what-is-rom/

आशा है आप को ROM in hindi ब्लॉग के माध्यम से रोम की funcationalty  को अच्छे से समझ पाए होंगे अतः जानकारी अच्छी लगी हो या और ऐसे ही technical knowledge के लिए subscribe एंड share करे।

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