Introduction of computer in hindi-कंप्यूटर क्या है

हलो friedns आज हम इस blog के माध्यम से introduction of computer in hindi में समझेंगे की कंप्यूटर का विकास कैसे हुआ ? और प्रारंभ से लेकर वर्त्तमान में जो कंप्यूटर है उनका विकास किस प्रकार से हुआ ? अगर ये पोस्ट थोड़ी बहुत भी आप के ज्ञान में वृदि करती है तो plz शेयर करे।

What is computer in hindi: कंप्यूटर की परिभाषा

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के compute एव  लैटिन भाषा के computare शब्द से हुई सामान्यतः जिसका संबंध गिनती करने से है computer का शाब्दिक अर्थ गणना करने वाला है कंप्यूटर को हिंदी में संगणक कहा जाता है इन सभी नामों का संबंध गणना करने से है कंप्यूटर तेज से गणना करने वाली स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो user द्वारा दिए गए inputको प्रोसेस करें आउटपुट प्रदान करती है एवं इसके द्वारा अंकगणितीय वह तार्किक गणना की जाती है

introduction of computer in hindi

Father of computer : कंप्यूटर के जनक:- चार्ल्स बैबेज

Computer divas kab manate h :  कंप्यूटर साक्षरता दिवस कब मनाते है।

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को मनाया जाता है इसकी शुरुआत 2 दिसंबर 2001 से हुई यह दिवस डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है

History of computer in hindi: कंप्यूटर का इतिहास एवं विकास

computer in hindi what is computer in hindi evolution of computer
Computer in hindi


ABACUS:

Abacus एक सिंपल और पावरफुल कैलकुलेटिंग टूल है जो कई हजारों साल पहले मानव सभ्यता का गणना के लिए महत्वपूर्ण हिस्सा था वर्तमान में प्रयुक्त कंप्यूटरों को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने में अनेकों डिवाइसों का महत्वपूर्ण योगदान है अबेकस डिजिटल कंप्यूटर की तरह गणना करने के सिद्धांत पर कार्य करने वाला दुनिया का प्रथम गणना यंत्र है अर्थात विश्व का प्रथम गणना यंत्र अबेकस है अबेकस को काउंटिंग प्रेम भी कहा जाता है इसकी खोज चीन के बेबीलोन में हुई

History and evolution:  ऐसा माना जाता है कि अबेकस 2300 BC पहले सुमेरिया में खोजा गया इसका विकास बेबीलोन, ग्रीक,  चीन और जापान के culture से मिलकर हुआ है और इन सभी संस्कृतियों ने अबेकस को counting method और numeric system के लिए अपनाया।

चीनी अबेकस लगभग 200 BC का है और इसमें ऊपरी डेक पर दो मोती और निचले डेट पर पांच मोती हैं जबकि जापानी अबेकस 14 सदी में बन गया इसके ऊपरी डेक में एक मानक और निचले डेक में चार मनके के शामिल थे

Educational benefits:  अबेकस केवल एक ऐतिहासिक गणना यंत्र ही नहीं बल्कि यह एक अच्छा शैक्षिक उपकरण भी है एक अध्ययन से पता चला है कि जो student अबेकस का उपयोग करके गणना करना सिखाते हैं वह अक्सर गणितीय अवधारणाओं को बेहतर तरीके से सीखते हैं और उनका मानसिक विकास अच्छा होता है

इसके साथ-साथ ही बच्चे अबेकस की कल्पना मन में ही करते हैं और इसके आधार पर वे बिना किसी भौतिक उपकरण के कठिन गणनाएं भी तेजी से कर सकते हैं यह बच्चों के लिए मजबूत आधार प्रदान करता है

Structure and function of abacus:  अबेकस एक आयताकार फ्रेम में होता है जिसमें तार होते हैं उन तारों में मोती बंधे होते हैं इस फ्रेम को दो भागों में विभाजित किया जाता है जिसे ऊपरी deck व निचला deck कहा जाता है मोती अपनी स्थिति के आधार पर अलग-अलग value दर्शाते हैं

गणना करने के लिए उपयोगकर्ता मोतियों को एक केंद्रीय पट्टी की ओर या उससे दूर लेकर जाते हैं  इन मोतियों में बदलाव करके जोड़ घटाव गुणा और भाग भी किया जा सकता है

Napier bones:

Inventor of John Napier computer in Hindi:  जॉन नेपियर 1550 में wealthy स्कॉटलैंड परिवार में जन्मे एक प्रसिद्ध गणितज्ञ थे जो अपने लघुगणना के आविष्कार के लिए जाने जाते थे उनके इस खोज ने कैलकुलेशन को काफी सरल बना दिया जो खगोल scientist,  नविको और वैज्ञानिकों के लिए काफी महत्वपूर्ण था

1617 के आसपास जॉन नेपियर calculator ने जटिल गणितीय गणनाओं को सरल बनाने का काम किया इसके द्वारा गणना के परिणाम को ग्राफिकल फॉर्मेट में दिखाया जा सकता था जॉन नेपियर ने लघुगणक प्रणाली का आविष्कार 1614 में किया

Structure and function of John Napier computer in Hindi:  जॉन नेपियर में आयताकार जड़ों का एक सेट होता है जो सामान्यतः हाथी दांत या हड्डी जैसी सामग्री से बनाया जाता है हालांकि इसमें लकड़ी और धातु का भी उपयोग किया जाता है प्रत्येक छड पर गुणन सामग्री अंकित होती है जिससे उपयोगकर्ता इन चारों में हेर फेर करके कठिन गणनाए कर सकते हैं

एक पूरे सेट में 10 छड़ शामिल होती हैं इसके अतिरिक्त 0 से 9 तक प्रत्येक अंक के लिए एक और एक के अतिरिक्त छड़ (जिसे इंडेक्स के रूप में जाना जाता है) में चरणों को विभाजित किया जाता है

स्लाइड रूल इन लूम :

लघुगणक गणनायक करने हेतु स्लाइड रूल का विकास जर्मनी के विलियम ऑट्रेड द्वारा किया गया रूम का आविष्कार जैक्वार्ड लूम द्वारा किया गया

Pascaline computer in hindi

विश्व का पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर था जिसको फ्रांस के वैज्ञानिक भौतिक के ब्लेज पास्कल द्वारा 1642 से 1644 के मध्य विकसित किया गया इस केलकुलेटर को पास्कलाइन या अर्थमैटिक मशीन या एडिंग मशीन या पास्कल का केलकुलेटर भी कहा जाता है पास्कलाइन को प्रथम मैकेनिकल एडिंग मशीन भी कहा जाता है

ब्लेज पास्कल ने 1642 में मात्र 19 साल की उम्र में ही Pascaline का आविष्कार किया था उन्होंने Pascaline का आविष्कार उनके पिता की नौकरी के कारण किया क्योंकि उनके पिता कर संग्रह करता थे और इसके लिए उन्हें जटिल और थकाऊ कर देने वाली गणना करना पड़ता था

और उस समय गणना मैन्युअल रूप से की जाती थी जिसमें समय लगता था और त्रुटि होने की संभावना भी अधिक होती थी Pascaline के माध्यम से इस प्रक्रिया को सरल बनाया जिससे त्रुटि भी ना के बराबर होती थी

Design and mechanism:  पास्कलाइन एक आयताकार बॉक्स है जिसकी सतह पर डायल की एक श्रृंखला होती है प्रत्येक डायल दशमलव स्थान का प्रतिनिधित्व करता है जिससे मशीन एक निश्चित संख्या तक अंकों को जोड़ और घट सकती है डिवाइस में गणना करने के लिए गियर और पहियो की एक श्रृंखला का उपयोग करता है जब डायल घुमाया जाता है तो यह एक संबंधित गैर को घुमाता है जो श्रृंखला में अगले डायल को घुमाता है

उदाहरण के लिए जब एक इकाई डायल 10 पर पहुंचती तो वह 0 पर रिसेट हो जाती और दसवीं डायल को एक से आगे बढ़ा देती यह automatic carry सुविधा पिछले गणना उपकरणों की तुलना में एक महत्वपूर्ण खोज थी

Difference Engine computer in hindi :

चार्ल्स बैबेज द्वारा 1822 में Difference Engine और 1833 में एनालिटिकल इंजन बनाया गया एनालिटिकल इंजन आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर का पूर्वज था और इसीलिए चार्ल्स बैबेज को फादर ऑफ कंप्यूटर या कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है

कंप्यूटर की बुनियादी संरचना के विकास में चार्ल्स बैबेज का महत्वपूर्ण योगदान है पहला बेसिक कंप्यूटर आर्किटेक्चर जानवर न्यूमैन द्वारा बनाया गया प्रथम अंक के कंप्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान चार्ल्स बैबेज का ही था उन्होंने ही प्रोग्रामेबल कंप्यूटर की अवधारणा दी

Difference Engine को अनेकों कार्यों की गणनाओं को स्वचालित रूप से करने के लिए डिजाइन किया गया था जिसका उपयोग इंजीनियरिंग नेवीगेशन और खगोल विज्ञान के लिए गणित की गणनाओं को करने के लिए किया

MARK-1 computer in hindi :

यह पहला electrical और mechanical कंप्यूटर था मार्क फर्स्ट IBM के सहयोग से हावड़ा आइकन द्वारा 1944 में बनाया गया

ENIAC computer in hindi:

विश्व का प्रथम पूर्णता Electronic कंप्यूटर ENIAC है जो 1946 में जे पी एकर्ट एव जॉन मुचली द्वारा विकसित किया गया उन्होंने एक ऐसी मशीन की कल्पना की जो तेजी से कई प्रकार की गणनाये करने में सक्षम थी ENIAC का पूरा नाम ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRATOR AND COMPUTER था ENIAC विश्व का प्रथम  इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था इसके विकास में पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय का अति महत्वपूर्ण योगदान रहा

ENIAC का निर्माण 1943 के मध्य से शुरू हुआ और 1945 के अंत में पूरा हुआ 14 फरवरी 1946 को पे सेल्वानिया विश्वविद्यालय में इस कैलकुलेटर को सार्वजनिक रूप से दिखाया गया।

Technical specification
ENIAC एक बहुत बड़ी मशीन थी जो लगभग 1800 वर्ग फीट की जगह घेरती थी और इसका वजन लगभग 30 टन था इसके प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं

Electronic component: ENIAC में लगभग 18000 वैक्यूम ट्यूब एवं 70000 resistors, और 10000 कैपेसिटर के साथ-साथ 6000 switch का उपयोग किया गया था इन सभी घटकों ने अन्य को तेजी से कैलकुलेशन करने की क्षमता प्रदान की थी।

Memory and storage:  मशीन में मेमोरी समिति इसमें 20 accumulator थे और प्रत्येक accumulator 5000 ऑपरेशन प्रति सेकंड की गति से संख्याओं को जोड़ और घटा सकता था

Input/output: ENIAC ने इनपुट और आउटपुट के लिए पंच कार्ड का इस्तेमाल किया जो उसे समय एक आम डाटा स्टोरेज थी इसमें जटिल वायरिंग सिस्टम था जिससे अलग-अलग कार्य को करने के लिए मैन्युअल रूप से कॉन्फ़िगर करना पड़ता था

EDSAC computer in hindi:

यह कंप्यूटर डाटा स्टोरेज अर्थात संग्रहण क्षमता की उपलब्धता वाला पहला कंप्यूटर था जो maurice wikes (विश्वविद्यालय के गणितज्ञ एवं निदेशक ) के द्वारा 1949 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में  बनाया गया EDSAC का पूरा नाम electronic delay storage automatic calculator  केलकुलेटर था

यह प्रथम फुल टाइम स्टार्ट प्रोग्राम था storage program की अवधारणा जान वान न्यूमैन के द्वारा दी गई इस स्टोरेज प्रोग्राम अवधारणा में प्रोग्राम में डाटा को एक अलग स्टोरेज यूनिट में स्टोर किया जाता था जिसे मेमोरी कहा गया

EDSAC का निर्माण 1947 में शुरू हुआ और यह 1949 में बनकर तैयार हुआ यह दुनिया का पहला व्यावहारिक स्टोरेजेबल प्रोग्राम कंप्यूटर था जो नियमित रूप से सेवा में आया

Technical specification:

Storage program architecture:  EDSAC को मेमोरी में प्रोग्राम और data दोनों को संग्रहित करने के लिए डिजाइन किया गया था यह एक ऐसी अवधारणा थी जिसमें हार्डवेयर के मैन्युअल reconfiguration के बिना प्रोग्राम को आसानी से बदलाव और एग्जीक्यूट करने की अनुमति दी किसने कंप्यूटर में क्रांति ला दी

Memory:  मेमोरी के लिए Mercury delay lines का प्रयोग किया जो 17 बिट के 512 शब्दों को संग्रहित कर सकती थी इसमें मेमोरी में पैर के माध्यम से अल्ट्रासोनिक तरंगों को प्रसारित किया जाता था जो बाइनरी डाटा के अस्थाई भंडारण की अनुमति देता था

Input/Output:
EDSAC ने इनपुट के लिए सीधे टेप और आउटपुट के लिए टेली प्रिंटर का उपयोग किया जिससे उत्तर आसानी से इनपुट हो सके और आसानी से ही दोबारा प्राप्त किया जा सके

Processing unit:  कंप्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट ने बुनियादी अंकगणित और तार्किक संचालन किया इसने गणना के लिए वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जो उसे युग के इलेक्ट्रिक कंप्यूटर के लिए एक स्टैंडर्ड था

EDVAC computer in hindi:

एडवेक का पूरा नाम electronic discrete variable automatic computer है एडवेक का विकास के जॉन वान न्यूमैन द्वारा किया गया एडवेक ऐसा पहला डिवाइस था जिसमें कंप्यूटर गेम को रन किया गया

Origin and development

एडवोक प्रोजेक्ट की शुरुआत 1940 के दशक के मध्य में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के मूर स्कूलऑफ़ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में की गई थी अन्य इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर और कंप्यूटर के निर्माण से प्राप्त एक्सपीरियंस के आधार उनकी कमियों को सुधार कर एड बैक का निर्माण किया

EDVAC का conceptual foundation जॉन वन न्यूमैन से काफी संबंधित था जो 1944 में इस परियोजना में शामिल हुए वहां न्यूमैन नहीं है प्रस्ताव दिया की कंप्यूटर की मेमोरी में डाटा और प्रोग्राम दोनों संग्रहित किए जाने चाहिए जिससे की मशीन को उसके हार्डवेयर में बदलाव के बिना जल्द से जल्द और कुशल प्रोग्राम का दोबारा उपयोग किया जा सके

Technical specification:

Stored program architecture:  हार्डवेयर का मुख्य नया कंपोनेंट इसका स्टोरेज प्रोग्राम डिजाइन था प्रोग्राम और उत्तर दोनों कंप्यूटर की मेमोरी में संग्रहित किए गए थे जिससे लचीले एवं जटिल गाना नए संभव हो सके

एडवोक ने अपनी प्राथमिक मेमोरी के लिए Mercury delay lines का प्रयोग किया जो 44 बिट के लगभग 1000 शब्दों को संग्रहित कर सकती थी इस प्रकार की मेमोरी में बाइनरी डाटा अस्थाई रूप से संग्रहित करने के लिए अल्ट्रासोनिक प्लस करने का उपयोग किया जाता था

Binary system:  नेटवर्क बाइनरी सिस्टम का उपयोग करता था इस कारण से इसके अंक गणितीय संचालन की क्षमता में सुधार हुआ

central processing unit:  रेलवे का सीपीयू बुनियादी अंक गणितीय संचालन जैसे जोड़ गुणा भाग घटाओ और तार्किक संचालन करने में सक्षम था सीपीयू मेमोरी और अंकगणित इकाई के बीच में डाटा के प्रवाह को नियंत्रित करता था

Input/output:  एडवोक में इनपुट व आउटपुट के लिए चित्रित कार्ड और चुंबकीय टेप का उपयोग करता था जो पहले की प्रणालियों के तुलना में डाटा को अधिक विश्वसनीय और तेजी प्रदान करता था

ABC computer in hindi:

ABC कंप्यूटर का पूर्ण नाम अटानासोफ बेरी  computer है यह प्रथम स्वचालित डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था जिसे अटानासोफ  बैरी द्वारा बनाया गया यह पहला डिजिटल कंप्यूटर है जिसका आविष्कार कुछ विशिष्ट कार्य करने के लिए किया गया

ABC को John Vincent Atanasoff के द्वारा तैयार किया गया था जो एक भौतिक वैज्ञानिक और गणितज्ञ थे जो उसे समय उपलब्ध यांत्रिक कैलकुलेटर की सीमाओं से निराश थे यह मशीन धीमी और त्रुटि पूर्ण थी और बहुत के अनुसंधान के लिए आवश्यक जटिल कैलकुलेशन को संभालने में समर्थ नहीं थी

इसलिए 1937 में  John Vincent Atanasoff ने एक कंप्यूटर डिवाइस की कल्पना की जो इन सीमाओं को पार कर सकती थी उन्होंने मशीन को डिजाइन करने के लिए एक प्रतिभाशाली छात्र के लिए फोर्ड बेरी का सहयोग लिया और ऐसी भी का निर्माण 1939 में शुरू हुआ और 1942 तक पूरा हो गया था

Disadvantage of computer in hindi: कंप्यूटर की कमिया

Health Issues:-  आज के दिन सभी काम कंप्यूटर से होते है। इसके कारन से पुरे दिन कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठना पड़ता है जिस से आखो की रोशनी कम हो जाती है साथ में चस्मा भी लग जाता है, और इसके साथ ही आखो से संबदी कई अनेको परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और मोटापे से शुगर जैसी बीमारियों का सामना होता है।

Security Risks:  कंप्यूटर ने हमारे जीवन को सरल और आसान तो बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही अनेको सुरक्षा संकटों के बारे में हमें सतर्क भी रहना चाहिए। आज की डिजिटल युग में, कंप्यूटर सुरक्षा के खतरों ने हर वयक्ति को चिंता में डाल दिया है,

बुद्धिमता का अभाव (Lack of Mind)  कम्प्यूटर में सोचने- समझने की क्षमता (understanding) नहीं होती अर्थात् सामान्य कम्प्यूटर की क्षमता सीमित होती है। यह कृत्रिम बुद्धि पर कार्य करता है। कम्प्यूटर की बुद्धिमत्ता का स्तर (IQ level) zero होता है।

विद्युत पर निर्भरता (Dependency on Electricity)  कम्प्यूटर सभी प्रकार के कार्यों हेतु विद्युत पर निर्भर रहता है। बिजली की आपूर्ति (Power Supply) के बिना कम्प्यूटर कोई कार्य नहीं कर सकता है।

Job Displacement:  नौकरी हटाने की समस्या से आशय कंप्यूटर और technology के आने के कारण लोगो का रोजगार से निकाले जाना। जिसका आजकल के समय में ज्यादातर लोग सामना कर रहे हैं। इसका मतलब है कि technology में development के आगमन के साथ, जो काम 10 लोगो से होता था अब कंप्यूटर के माध्यम से 1 वयक्ति के द्व्रारा आसानी और अधिक सटीकता से किया जा सकता है। , और इसका असर अधिकांश उद्योगों में दिखाई दे रहा है।

Social Isolation:  कंप्यूटर का आविष्कार तो पुरे world को नजदीक लाने के लिये किया गया था लेकिन लोगो ने इसका अत्यधिक उपयोग करके अपने सोशल एनवीरेमेंट से ही दुरी बना ली और वर्चुअल वर्ल्ड को ही अपनी दुनिया मान ली आज लोगो के बिच बढ़ी दुरी का कारण में कंप्यूटर और टेक्नॉलजी का बहुत बड़ा role है।

Environmental Impact:  कंप्यूटर में जो हार्डवेयर उसे होता है जब वो ख़राब हो जाता है तो उसके disposal के लिए सही विकल्प नहीं है, जब सही से disposal नहीं होगा तो वह एनवीरेमेंट को प्रभावित करता है। जिस से environment के साथ साथ लोगो के health पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

Addiction:  कंप्यूटर ने हमारे जीवन को आसान तो बना दिया है और इसके बिना हम अब अपने जीवन की कई चीजों को सोच भी नहीं सकते। लेकिन कई बार बिना समझदारी से कंप्यूटर का इस्तेमाल एक लत के रूप में बदल जाता है , जिसे हम कंप्यूटर लत के रूप में जानते हैं।

कंप्यूटर लत के कई कारण है जैसे
ऑनलाइन गेम्स: ऑनलाइन खेल और वीडियो गेम्स के खेलने की आदत एक मुख्य कारण हो सकती है।

सोशल मीडिया: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर समय बिताने की आदत और बिना वजह रील देखते रहना आदि

Privacy Concerns:  हमारे आस-पास का डिजिटल युग हमारे जीवन को सरल और आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही हमारी गोपनीयता को भी बड़े खतरे का सामना करना पड़ रहा है हमारी व्यक्तिगत जानकारी अनजाने में दूसरों के हाथों में पहुंच जाती है।

जैसे की डेटा चोरी यहाँ तक कि हमारी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि पासवर्ड, बैंक खाता जानकारी, और ईमेल पता, को अनधिकृत रूप से चुराई जा सकती है। और उसका गलत उपयोग भी किया जा सकता है।

conclusion:

Introduction of computer in hindi ब्लॉग के माध्यम से computer ka introduction, और कैसे कितने लम्बे और विभिन्न सुधारो के साथ आज का कंप्यूटर विकसित हुआ । कंप्यूटर आज का कंप्यूटर बना इस बारे में जानकारी प्राप्त की। जो कम्पटीशन एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण है। और ऐसे ही technology और computer and networking की जानकारी के लिए सब्सक्राइब करे और शेयर करे

 

2 thoughts on “Introduction of computer in hindi-कंप्यूटर क्या है”

Leave a Comment